कुछ लफ्ज़ तुम्हारे नाम, क्योंकि तुम्हारा कोई बदल नहीं..मुझमें हो तुम!
आज जाने क्यूँ तुम्हारी बहुत याद आ रही है, सोचा नहीं था कि इतनी लंबी ख़ामोशी पकड़ लोगी तुम. जानती होगी तुम कि तुम्हारे और मेरे बीच बहुत कम हवा है, और बहुत किफ़ायत से उसे इस्तेमाल करना है हमें (जिसमें कभी तुम सांस लो कभी मैं) मगर हाँ इस मुफ़लिसी में भी, मैं तुम्हें और खुद को ज़िंदा रख लूंगी क्योंकि तुम्हारा कुछ हिस्सा मेरे अंदर जीता है (तुम्हें भी कुछ ऐसा महसूस होता है इसकी उम्मीद तो है पर वो पुख्ता नहीं) खैर, बहुत गोते लगा लिए जज़्बातों में, अब मैं साफ़ आवाज़ में, तुम्हारा नाम बुलाती हूँ. जल्दी आओ रीत! बहुत सी सांसें तुम्हारे नाम की मैंने रोक के रखी हैं.
Beautiful! As always.
ReplyDeleteGetting no msgs from your side :( How are you Reet? Love, lots and lots of love...to infinity!
कुछ लफ्ज़ तुम्हारे नाम, क्योंकि तुम्हारा कोई बदल नहीं..मुझमें हो तुम!
ReplyDeleteआज जाने क्यूँ तुम्हारी बहुत याद आ रही है,
सोचा नहीं था कि इतनी लंबी ख़ामोशी पकड़ लोगी तुम. जानती होगी तुम कि तुम्हारे और मेरे बीच बहुत कम हवा है, और बहुत किफ़ायत से उसे इस्तेमाल करना है हमें (जिसमें कभी तुम सांस लो कभी मैं)
मगर हाँ इस मुफ़लिसी में भी, मैं तुम्हें और खुद को ज़िंदा रख लूंगी क्योंकि तुम्हारा कुछ हिस्सा मेरे अंदर जीता है (तुम्हें भी कुछ ऐसा महसूस होता है इसकी उम्मीद तो है पर वो पुख्ता नहीं)
खैर, बहुत गोते लगा लिए जज़्बातों में, अब मैं साफ़ आवाज़ में, तुम्हारा नाम बुलाती हूँ.
जल्दी आओ रीत!
बहुत सी सांसें तुम्हारे नाम की मैंने रोक के रखी हैं.